पूजा पाठ का नियम, जाने नित्य घर में पूजा पाठ कैसे करें ? daily pooja rules in hindi
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पूजा पाठ का नियम (Puja Path Ka Niyam):
प्राचीन काल में संध्योपासना अर्थात शाम के समय पूजा की जाती थी। आगे चलकर यही संध्योपासना पूजा, आरती और तरह तरह की पूजा विधियों में बदल गई। भगवान् की अराधना के 5 रूप हैं-
- प्रार्थना
- ध्यान-साधना
- भजन-कीर्तन
- यज्ञ और
- पूजा-आरती।
वैसे तो यह कहा जाता है की भगवान भाव के भूखे होते है आपके धन और ऐश्वर्य के नहीं। फिर भी भगवान की सेवा करनी बहुत जरुरी है. नियमित पूजा से भगवन प्रसन्न रहते हैं. आजकल प्रायः लोग अपनी पूजा जैसे तैसे कर लेते है। फिर भी लोग अपनी की गई पूजा से संतुष्ट नही होते. उन्हें लगता है कि क्या हमारी अराधना प्रभु तक पहुँच भी रही है या नहीं. आज हम इसी बात पर चर्चा करेंगे कि घर पर नियमित पूजा कैसे करें और किस देवता की पूजा कैसे करनी चाहिए ?
पूजा पाठ का नियम (Puja Path Ka Niyam)
Puja Path Ka Niyam
घर पर दैनिक पूजा कैसे करें ? (daily pooja vidhi at home)
प्रतिदिन पूजा का एक निश्चित समय निर्धारित करें और प्रतिदिन उसी समय पर पूजा करें। प्रतिदिन नहा धो कर, साफ कपड़े पहनकर साफ जमीन पर आसन बिछाकर पूजा करनी चाहिए. जमीन पर सीधे बैठकर पूजा नहीं करनी चाहिए। हो सके तो आसान कुश का नहीं तो ऊनी आसन पर बैठें। कारण यह है कि सीधे जमीन पर बैठकर पूजा करने से व्यक्ति की स्वच्छता भंग होती है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण है कि जमीन पर बैठकर पूजा करने से व्यक्ति के शरीर में उत्पन्न हुई ऊर्जा (एनर्जी) जमीन द्वारा अवशोषित (absorb) कर ली जाती है। पूजा करते समय सिर को कपड़े से ढककर रखना चाहिए. जिसकी वजह व्यक्ति को पूजा का बहुत थोड़ा फल मिल पता हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूजा के लिए सूती, रेशमी या ऊनी आसन का प्रयोग करना अच्छा रहता है।
भगवान की पूजा करते समय दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए. आपका मुख पूर्व की ओर, उत्तर की ओर या उत्तर पूर्व की ओर होना चाहिए। पूजा के लिए कभी तांबे के बर्तन में चंदन नहीं रखें। चावल को दीपक के नीचे रखकर स्थापित करें. हिंदू धर्म के अनुसार प्रतिदिन पंच देवों की पूजा करने विधान है।
ये पांच देवता हैं –
- श्री गणेश जी महाराज (प्रथम देव)
- सूर्य देव
- आदिशक्ति दुर्गा माता,
- भगवान शंकर जी
- भगवान विष्णुजी
शुद्ध आसन पर बैठकर पूर्व या उत्तर सुबह-शाम पूजा करना नित्य पाठ कहलाता है। इनमें पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है। निम्न क्रम से पूजा करें.
प्रथम चरण –
पूजन में शुद्धता व पवित्रता का विशेष महत्व है, इस लिए सर्वप्रथम स्नान करके साफ़ वस्त्र पहनने चाहिए.
दूसरा चरण
इसके बाद जिस इष्टदेव की आप पूजा करने जा रहे हैं, उनकी मूर्ति को पीले या लाल कपड़े पर स्थापित करें. मूर्ति को स्नान कराए, यदि देवता का चित्र हो तो उसे साफ़ कपड़े से साफ़ करें.
तीसरा चरण
अब आप दीपक जलाएं क्योंकि दीपक में स्वयं देवता का निवास होता है. तत्पश्चात धूप जलाएं. ध्यान रहे जलती हुई धूप या माचिस की तीली को फूंक मार कर नहीं बुझाना चाहिए.
चौथा चरण
इसके बाद देवताओं के मस्तक पर हलदी, कुंमकुम, चंदन और चावल लगाएं। फिर उन्हें हार और फूल या फूलमाला चढ़ाएं। पूजन में हलदी, कुंमकुम, चंदन और चावल लगाने के लिए अनामिका अंगुली (छोटी उंगली के पास वाली यानी रिंग फिंगर) का प्रयोग करना चाहिए. इसके बाद देवता की स्तुति करनी चाहिए. इसके लिए आप चालीसा या भजन या अन्य तरीके से स्तुति कर सकते हैं.
पांचवा चरण
पूजा करने के बाद भगवान् को प्रसाद या भोग चढ़ाएं। भोग के रूप में आप आपकी सुविधा अनुसार किसी मीठे पकवान या फल फ्रूट का उपयोग कर सकते है. ध्यान रखें कि नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग भोग में नहीं किया जाता है। प्रत्येक पकवान पर तुलसी का एक पत्ता रखना अच्छा रहता है.
छठा चरण
अंत में प्रभु आरती उतारें।
देवताओं की पूजा करने का क्रम निम्न प्रकार रहेगा.
- सबसे पहले गणेश जी महाराज की पूजा करें– विघ्नों या संकटों को दूर करने के लिए
2. सूर्य देव की पूजा – उत्तम स्वास्थ्य के लिए
3. जगद्जननी भगवती मां की पूजा – शक्ति प्राप्ति के लिए
4. भगवान शंकर की पूजा – भक्ति के लिए और समस्त प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों और विपत्तियों से मुक्ति के लिए
5. लास्ट में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए
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कुछ अनुभूत नित्य नियम
- पूजा का समय सुबह – शाम का रखें. दोपहर 12 से शाम 4, रात्रि 12 से प्रात: 3 बजे के बीच का समय छोड़कर पूजा करें।
- पूजन के लिए पंचदेव की स्थापना जरूर करें। सूर्यदेव, श्रीगणेश, दुर्गा माता , शिव जी और विष्णु जी को पंचदेव कहा गया है। पूजा के दौरान किसी भी प्रकार शोर शराबा न करें।
- . नारायण कवच या हनुमान चालीसा एक प्रसिद्ध, लोकप्रिय और प्रबल उपाय है, इसका रोजाना कम से कम तीन बार पाठ करने से सभी प्रकार की समस्याएँ दूर होती हैं और अटका हुआ काम बन जाता है.
- दरिद्रता के नाश और आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए मां लक्ष्मी के श्री सूक्त या लिंगाष्टक का पाठ करना चाहिए।
- रोग से मुक्ति और कर्ज से मुक्ति पाने लिए गजेंद्र मोक्ष और नवग्रह की नियमित पूजा करनी चाहिए।
- यदि कोई व्यक्ति प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार या मरम्मत करवाता है, तो उसे अनंत कोटि के फल मिलते हैं।
- अगर कोई मंदिर में आरती के लिए धुप-दीप व अन्य पूजा सामग्री की व्यवस्था करता है, तो उसे प्रसिद्धि मिलती है।
- यदि कोई व्यक्ति गाय के लिए चारे व बेजुबान जानवरों के लिए और पानी की और पक्षियों के लिए दाना की व्यवस्था करे, तो उसके घर से सभी प्रकार के दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं।
- यदि कोई व्यक्ति विद्यालय या अस्पताल बनाता है या निर्माण में अपने सामर्थ्य अनुसार योगदान देता है और उसकी सेवा करता है, तो उसे सदबुद्घि और भगवान की कृपा प्राप्त होती है, लेकिन ध्यान रहे अपने स्वार्थ या नाम के प्रचार के लिए, जो उपरोक्त कार्य करके अहंकार करता है व और लोगो के सामने रौब झाड़ता है, तो उसके सारे कर्म निष्फल हो जाते हैं।
- खड़े होकर पूजा करना शुभ नहीं माना जाता, इसीलिए सदैव कोशिश करें की पूजा हमेशा जमीन पर बैठ कर करें. पूजा करने के बाद जब आरती करें तो आरती खड़े होकर करें.
पूजा सफल होने के संकेत
आप नियमित रूप से पूजा करते रहते है तो जब पूजा के दौरान जलता हुए दीपक की लौ ऊपर की ओर उठने लगती है तो आपको समझ जाना चाहिए कि भगवान आपकी पूजा से प्रसन्न हैं। वहीं, अगर पूजा के दौरान आपके घर में कोई मेहमान आ जाता है तो इसका अर्थ है कि भगवान आपसे काफी प्रसन्न हैं। इसके अलावा अन्य बहुत संकेत है जिनसे प्रभु के प्रसन्न होने का पता चलता है जैसे – हवन की खुशबू आना, कपूर की खुशबू आना, पूजा करते समय दिल की धड़कन बढ़ जाना, पूजा करते समय आंसू आ जाना इत्यादि. और भी बहुत सारे अनुभव है जो हर व्यक्ति के अलग अलग होते है.
सामान्य लोगो के बहुत सारे प्रश्न या संदेह होते है जिनका मैंने निम्न अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के लिस्ट उत्तर देने की कोशिश की है.
1. कैसे पता करें कि भगवान हमारे साथ है या नहीं?
मधुर स्वभाव और विनम्र लोगों का साथ ईश्वर कभी नहीं छोड़ते हैं। अगर सपने में मंदिर या फिर भगवान की छवि दिखाई दे तो माना जाता है कि आप पर भगवान की कृपा बनी हुई है। अगर किसी महत्वपूर्ण कार्य में गलत निर्णय लेने से पहले मन में अचानक से कुछ संशय आ जाए और आपको निर्णय लेने से रोक ले तो समझो ईश्वर आपके साथ है
2. अच्छे दिन आने से पहले क्या संकेत मिलते हैं?
कुछ ख़ास संकेत हैं कि जो भगवान अच्छा समय आने से पहले देते हैं.
- नींद ब्रह्म मुहूर्त में खुलना
- अचानक खुश होना
- गौ माता का आगमन
- घर में शिशुओं का होना
- स्वप्न में मंत्रों का सुनाईदेना
- शरीर के शुभ अंगों का फड़कना
3. सुबह कितने बजे तक पूजा करना चाहिए?
वैसे तो प्रभु की पूजा के लिए कोई निश्चित समय नहीं है। आप अपनी सुविधा अनुसार जिस समय भी चाहे भगवान की पूजा कर सकते हैं। लेकिन सुबह उठते ही सबसे पहले हमें भगवान की ही पूजा करनी चाहिए. दोपहर 12 से शाम 4, रात्रि 12 से प्रात: 3 बजे के बीच का समय छोड़कर पूजा करें।
4. बिना नहाए पूजा कर सकते हैं क्या?
जी नहीं, पूजा अराधना के लिए स्नान अतिआवश्यक है। शरीर से मल मूत्र का त्याग और अन्य अशुद्धियों के साथ ईश्वर की पूजा करना घोर पाप की श्रेणी में आता है। इसलिए स्नान करना जरूरी है।
5. कलयुग के राक्षस कौन है?
हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि कलियुग में पांच स्थान हैं, जहां दानव कलि रहते हैं। दानव कलि की उपस्थिति के साथ पांच स्थान हिंसा, शराब, महिला हिंसा, सोना (लालच) और जुआ. कौरव भाइयों में सबसे बड़ा दुर्योधन, कली का अवतार था।
6. भगवान धरती पर कब आएंगे? कब होगा कल्कि अवतार
पृथ्वी पर कलयुग की अवधि 4 लाख 32 हजार वर्षों का है. अभी कलियुग का प्रथम चरण ही शुरू हुआ है. इसका मतलब 3102+2023= 5125 साल का कलयुग जा चूका है और 426875 साल अभी शेष है . भगवान विष्णु कल्कि अवतार की उत्पत्ति कलियुग के अंत से हो जाएगी .
7. हनुमान जी पृथ्वी पर कब तक रहेंगे?
हनुमान जी को भगवान राम जी ने अमरत्व का वरदान दिया था। इसलिए, वे कलयुग के अंत होने तक पृथ्वी पर रहेंगे। कलयुग का अंत अभी भी दूर है, इसलिए हनुमान जी अभी भी पृथ्वी पर हैं और रहेंगे।
8. संकट में कौन सा मंत्र?
संकटमोचन मंत्र : ॐ हं हनुमते नम:। मंत्र प्रभाव : यदि दिल में किसी भी प्रकार की घबराहट, डर या आशंका है तो निरंतर इस मन्त्र का प्रतिदिन जप करें और फिर निश्चिंत हो जाएं। किसी भी कार्य की सफलता के लिए और विजयी होने के लिए इसका निरंतर जप करना चाहिए। यह मंत्र आत्मविश्वास बढ़ाता है।
9. घोर कलयुग में क्या होने वाला है?
धर्मग्रंथों के अनुसार कलयुग के अंतिम भाग में घोर कलयुग आएगा जिसमें भ्रष्टाचार, दुष्कर्म, विवाद और अस्वस्थता जैसी समस्याएं बढ़ जाएंगी। इस युग में धर्म के नियमों का खुले आम उल्लंघन होगा और मनुष्य अधर्म की ओर बढ़ते जाएंगे।
10. पूजा घर के सामने क्या नहीं होना चाहिए?
पूजा घर को कभी भी बाथरूम के बगल में न बनवाएं. बाथरूम के ऊपर या फिर नीचे भी पूजा घर बनवाने से बचना चाहिए. वास्तु के बाथरूम के संपर्क में पूजा घर बनाना बहुत अशुभ माना जाता है. इससे घर के सभी सदस्यों को बहुत कष्ट झेलने पड़ते हैं.
10. मंदिर में रखे जल को क्या करना चाहिए?
पूजा के लिए रखे गए जल में सदैव तुलसी दल डालकर रखना चाहिए. ऐसा करने से जल अधिक पवित्र माना जाता है. जल शुद्ध होना चाहिए. संभव हो तो जल के लोटे में पवित्र नदियों का जल भी मिलाया जा सकता है. इसे घर में पूजा करते समय छिड़कने से नेगेटिव एनर्जी दूर भाग जाती है और सकारात्मकता आती है.
11. पूजा करते समय क्या नहीं करना चाहिए
पूजा करते समय मन को दूषित नहीं रखना चाहिए। पूजा में अगरबत्ती का प्रयोग ना करें. क्योंकि अगरबत्ती में बांस का उपयोग होता है, बांस जलाना शास्त्रों के अनुसार निषिद्ध है. पूजा के दौरान धूप, दीप, अगरबत्ती जलाने के बाद माचिस की तीली फूंक मारकर नहीं बुझानी चाहिए.
12. घर में कौन सी भगवान की फोटो रखनी चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में भगवान शिव जी की या फिर उनके पूरे शिव परिवार के साथ तस्वीर या मूर्ति रखने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में देवी-देवताओं की तस्वीर या मूर्ति लगाना शुभ होता है।
13. पूजा शुरू करने से पहले क्या करना चाहिए?
किसी भी देवी-देवता की पूजा प्रारम्भ करने से पहले भगवान गणेश को प्रणाम करना चाहिए। पूजा शुरू करने से पहले गणेश जी को प्रणाम नहीं करने से पूजा सफल नहीं होती है। पूजा के समय भगवान को एक हाथ से प्रणाम नहीं करना चाहिए। इसके अलावा घी का दीपक अपने बाईं तरफ और भगवान की मूर्ति या चित्र के दाएं तरफ रखें।
14. सूर्य भगवान को जल में गुड़ डालकर चढ़ाने से क्या होता है?
यदि आप किसी बीमारी से दुखी हैं तो ऐसे में सूर्य देव को जल में गुड़ मिलाकर चढ़ाना शुभ होता है। ऐसा करने से बीमारियों से राहत मिलती है। वहीं अगर किसी व्यक्ति को नींद आने में परेशानी होती है या ब्लड प्रेशर की समस्या है तो उसे जल में कच्चा दूध मिलाकर सूर्य देव को चढ़ाना चाहिए।
15. पूजा घर में आग लगने का क्या संकेत है?
घर के मंदिर में आग लगना – यदि घर के मंदिर में आग लग जाए तो यह एक अशुभ घटना है। यह बताती है कि आपके घर में नकारात्मक शक्तियों की प्रबलता बढ़ गई है, आपके घर में नकारात्मक शक्तियां मौजूद हैं। यह कारनामा उन्हीं नकारत्मक शक्तियों का है. यदि घर में अचानक खूब झगड़े होने लगें, घर के लोगों की तबियत बिना किसी कारण के बार-बार खराब होने लगे तो यह घर में नकारात्मकता बढ़ने का संकेत है। यह इस बात का संकेत है कि आपके घर पूजा के नाम पर सिर्फ औपचारिकता हो रही है.
16. बेडरूम में कौन से भगवान की तस्वीर लगानी चाहिए?
बेडरूम या लिविंग रूम में राधा कृष्ण की तस्वीर लगाना शुभ होता है। यह इस तथ्य के कारण है कि राधा और भगवान कृष्ण दोनों क्रमशः देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के अवतार हैं।
17. क्या किचन में भगवान की फोटो रख सकते हैं?
रसोई घर में बने हुए मंदिर में कभी भी शिव जी की तस्वीर या शिवलिंग नहीं रखना चाहिए. ऐसे में आपको भगवान श्री कृष्ण जी, माता अन्नपूर्णा देवी, हनुमान जी महाराज और श्री गणेश जी महाराज की प्रतिमा रखनी चाहिए। आप किचन के मंदिर में देवी लक्ष्मी की बैठी हुई तस्वीर में रख सकते हैं।
18. सिंपल पूजा कैसे करें
पूजा करने से पहले सदैव आसन बिछाएं और आसन में बैठकर ही पूजा अराधना करें. इसके साथ ही बिना सिर ढके पूजा नहीं करनी चाहिए. स्त्री हो या पुरुष पूजा करते समय हमेशा सिर को टुपट्टे या फिर रूमाल से ढकना चाहिए. मान्यता है बिना सिर ढके पूजा करने से सारा लाभ और पुण्यफल आकाश में चला जाता है
19. सुबह 4 00 बजे हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होता है?
सुबह 4:00 बजे हनुमान चालीसा पढ़ने का मान्यता है कि यह भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त होता है. क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा पढ़ता है, तो भगवान हनुमान आपकी सभी समस्याओं का समाधान करने आते हैं। लेकिन यह भी सत्य है कि फल मिलना या ना मिलना व्यक्ति के आध्यात्मिक और मानसिक स्थिति पर निर्भर कर सकता है। यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप किस भावना से पूजा कर रहे हैं.
20. सूर्य को जल कितने बजे तक दे सकते हैं?
हमेशा सूर्योदय के 12 मिनट के अंदर जल देना चाहिए ,तब तक सूर्य देव शीतल स्वभाव में होते हैं | जल देने का और ये सर्वोत्तम समय है। सूर्य को जल देते समय ” ऊं आदित्य नम: मंत्र या ऊं घृणि सूर्याय नमः ” मंत्र का कम से कम 3 बार जाप करें.
21. तुलसी को जल चढ़ाते समय क्या बोलना चाहिए?
ज्योतिष के अनुसार, तुलसी को जल देते समय ‘ॐ सुभद्राय नम:’ मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें. मान्यता है कि तुलसी पर जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप घर में आर्थिक तंगी दूर कर देता है. घर में मां लक्ष्मी वास करने लगती हैं. बस ख्याल रहे कि रविवार के दिन तुलसी के पौधे को जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
22. पूजा करते समय रोना क्यों आता है?
पूजा के समय आंसू आना इस बात का संकेत है कि, आपका मन शुद्ध व पवित्र है और आप पूरे अंतर्मन से भगवान का ध्यान कर रहे हो, इससे आपका सीधा संपर्क ईश्वर से हो रहा है।
23. भगवान लक्ष्मी का पति कौन है?
हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं। वह भगवान विष्णु की पत्नी हैं।
24. घर के मेन गेट पर किसकी तस्वीर लगानी चाहिए?
घर के मेन गेट पर देवी लक्ष्मी और कुबेर भगवान की फोटो लगाना बेहद शुभ माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार ऐसा करने से धन लाभ होता है. वास्तु शास्त्र में घर के मेन गेट पर लक्ष्मी जी के पैर होना शुभ माना जाता है.
25. शीशे का मुंह कौनसी दिशा में होना चाहिए?
घर में हमेशा पूर्व और उत्तर दिशा की ओर शीशा लगाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार इन दिशाओं में शीशा लगाना शुभ माना गया है। उत्तर दिशा धन कुबेर की दिशा होती है। इस दिशा में शीशा लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
26. भगवान की पुरानी फोटो को क्या करना चाहिए?
इसी तरह देवी-देवताओं की पुरानी तस्वीर को कहीं भी ऐसे नहीं रखना चाहिए। इन तस्वीरों को किसी मंदिर में पूरी श्रद्धा के साथ रख दें। अगर भगवान की फोटो फ्रेम में लगी है तो उसे कांच के फ्रेम से अलग कर दें और फिर उसे नदी में प्रवाहित कर दें या फिर पीपल के पेड़ के पास रख दें.
27. मेन गेट पर दीपक जलाने से क्या होता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि नियमित रूप से शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाया जाए तो इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. जिसके चलते मनुष्य की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रहती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस घर में नियमित रूप से मुख्य द्वार पर शाम के समय दीपक जलाया जाता है.
28. हनुमान चालीसा कब नहीं पढ़ना चाहिए?
हनुमान चालीसा कभी भी पढ़ा जा सकता है. बस एक ही नियम का ध्यान रखना है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति को पराई स्त्रियों पर कुदृष्टि नहीं डालनी चाहिए। अर्थात यदि आप विवाहित हैं तो कभी भी पराई स्त्री से संबंध नहीं बनाना चाहिए। और यदि कुंवारे हैं तो विवाह होने तक प्रत्येक महिला को सम्मान की नजरों से देखना चाहिए। परई स्त्रियों पर कुदृष्टि डालने वाले को हनुमान चालीसा पाठ का दुष्परिणाम देखने को मिलता है।
29. सुबह सुबह उठकर किसका चेहरा देखना चाहिए?
सुबह उठते ही मनुष्य को अपने ईष्टदेव का चेहरा देखना चहिए. क्योंकि हर व्यक्ति के अलग अलग भाव होते हैं. ऐसे में जब व्यक्ति का चेहरा देखते हैं तो उस व्यक्ति की नकारात्मकता भी हमारे अंदर प्रवेश कर सकती है। इससे बचने के लिए सुबह उठते ही अपने ईष्ट के दर्शन करना चाहिए।
30. सुबह उठते ही कौन से भगवान का नाम लेना चाहिए?
आपको राधे-कृष्ण, सीता-राम, श्रीमन नारायण-नारायण जैसे शब्दों के साथ अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए. इसके बाद अपनी दोनों हथेलियों को जोड़ते हुए इस मंत्र का जाप करें- ‘कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
31. हनुमान चालीसा का जाप किसे नहीं करना चाहिए?
हनुमान चालीसा का पाठ महिला – पुरुष सभी कर सकते हैं. महिलाएं मासिक धर्म के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ न करें।
32. जल देते समय क्या बोलना चाहिए?
जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि तांबा सूर्य की धातु है। जल में चावल, रोली, फूल पत्तियां (यदि गुलाब की हो तो सर्वश्रेष्ठ है) भी डाल लेना चाहिए। इसके बाद जल चढ़ाते समय गायत्री मंत्र का जाप करें। गायत्री मंत्र – ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
33. सूर्य को हल्दी डालकर जल चढ़ाने से क्या होता है?
सनातन धर्म में हल्दी को बहुत शुभ माना जाता है। विवाह आदि जैसे मांगलिक कार्यों में भी मुख्य तौर पर हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जल में हल्दी डालकर सूर्य को अर्घ्य देने से विवाह के योग बनते हैं
34. लक्ष्मी आने के संकेत क्या है?
अगर सपने में आपने झाड़ू, उल्लू, सुराही, हाथी, नेवला, शंख, छिपकली या गुलाब का फूल देखा है तो यह शुभ होता है. अगर दाईं हथेली पर लगातार खुजली हो रही है तो यह भी रुपया-पैसा आने का शुभ संकेत हो सकता है.
35. पति पत्नी को कब संबंध नहीं बनाना चाहिए?
शास्त्रों में जिक्र मिलता है कि किसी भी माह की पूर्णिमा और अमावस्या तिथि पर पति-पत्नी को संबंध बनाने से बचना चाहिए और एक दूसरे से दूर रहना चाहिए। इसके पीछे मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और कुल को परेशानी हो सकती है।
36. घर में कौन सी चीज रखने से बरकत होती है?
इन 6 चीजों को घर में चीज रखने से बरकत होती है?
- मोर पंख
- पारद शिवलिंग
- श्रीयंत्र
- दक्षिणावर्ती शंख
- तुलसी
- नृत्य गणपति
37. तुलसी में कौन कौन से दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए?
तुलसी के पौधे के लिए बताए गए नियमों के अनुसार महीने में कुछ दिन ऐसे होते हैं, जिनमें तुलसी के पौधे को जल नहीं देना चाहिए. धर्म-शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पौधे में कभी भी रविवार के दिन जल नहीं चढ़ाना चाहिए. माना जाता है कि रविवार के दिन तुलसी जी भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.
38. तुलसी के पौधे को किस दिन नहीं छूना चाहिए?
एकादशी, रविवार और यहां तक कि चंद्र और सूर्य ग्रहण के दौरान भी पौधे को छूने और पानी देने से बचने की सलाह दी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी तुलसी भगवान विष्णु के लिए एकादशी का व्रत रखती हैं।1
39. रूठी हुई लक्ष्मी को कैसे बनाएं?
इसके लिए स्नान करके सफेद कपड़े पहनें. फिर दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर विष्णु जी का अभिषेक करें. ऐसा करने से विष्णु जी प्रसन्न होंगे और उनकी प्रसन्नता से मां लक्ष्मी भी कृपा करेंगी. – शुक्रवार के दिन गरीबों को सफेद अनाज जैसे चावल का दान करें.
40. सुबह उठकर क्या करना चाहिए जिससे लक्ष्मी आए?
सुबह से समय स्नान करने के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर थोड़ा सा सिंदूर, फूल डालकर उगते हुए सूर्य को अर्पित जरूर करें। इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, साथ ही आप हमेशा स्वस्थ और निरोग रहते हैं। सुबह के समय घर की साफ-सफाई करके मुख्य द्वार में घी का दीपक जलाना चाहिए। दीपक में सभी देवी-देवताओं का वास होता है।
41. घर में कौन सी चीज रखने से लक्ष्मी आती है?
धन की देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए श्रीयंत्र की पूजा बहुत प्रभावशाली मानी जाती है। माना जाता है कि जिस घर में श्री यंत्र की स्थापना और विधिवत रूप से पूजा की जाती है। वहां सदैव सुख-संपत्ति, सौभाग्य और ऐश्वर्य बना रहता है। इसलिए किसी शुभ मुहूर्त पर घर में श्री यंत्र जरूर स्थापित
42. देवी लक्ष्मी से धन कैसे मांगे?
महालक्ष्मी या मां दुर्गा के लिए, आप लक्ष्मी, सरस्वती और काली सहित मां दुर्गा के दस रूपों के नामों का जाप कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप करते समय देवी-देवताओं पर पूरा ध्यान केंद्रित करें। मंत्र अर्थ: “प्रिय माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर, मैं आपसे प्रार्थना करता हूं! मुझे समृद्धि और धन का आशीर्वाद दें”
43. हनुमान जी की फोटो का मुंह किधर होना चाहिए?
वास्तु के अनुसार हनुमानजी का चित्र हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना चाहिए। यह चित्र बैठी मुद्रा में लाल रंग का होना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हनुमानजी का चित्र इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दक्षिण दिशा अर्थात् रावण की लंका में दिखाया है।
44. घर में पंचमुखी हनुमान जी रखने से क्या होता है?
घर में भगवान पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगाना बहुत शुभ माना जाता है। पंचमुखी हनुमान की फोटो लगाने से घर में सुख-शांति आती है। इस तस्वीर से वास्तु दोष भी दूर होते हैं। घर के मेन गेट पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर ऐसी जगह लगानी चाहिए ताकि वह सभी को दिखाई दे।
45. उड़ते हुए हनुमान जी की फोटो लगाने से क्या होता है?
उड़ते हुए हनुमान जी के चित्र के प्रभाव से घर में उन्नति, तरक्की और सफलता आती है।
46. हनुमान जी को कौन हरा सकता है?
शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी के बल की कोई सीमा नहीं है। हनुमान जी परम राम भक्त हैं और जिनती सौम्य उनकी वाणी है उतना ही सशक्त उनका बल है। ऐसा कहा जाता है कि रामायण युद्ध के दौरान ऐसा कोई योद्धा न था जो आहत न हुआ हो लेकिन हनुमान जी सब की रक्षा कर रहे थे।
47. पानी का टोटका क्या है?
सोते समय सिरहाने पानी का लोटा रखें । सुबह उठकर स्नान करें और अपराजिता पौधे की जड़ में पानी डालें. इससे आर्थिक परेशानी से जल्द छुटकारा मिलता है. इसके साथ ही व्यक्ति के पा पैसा टिका रहता है. पानी का ये उपाय व्यक्ति के जीवन में आ रही तमाम परेशानियों को धीरे धीरे दूर कर सकता है.
48. शिवलिंग पर सुबह कितने बजे जल चढ़ाना चाहिए?
सुबह 5 बजे से 11 बजे के बीच जल अर्पित करना शुभ होता है। शिव जी का जलाभिषेक करें तो जल में अन्य कोई भी सामग्री न मिलाएं।
49. हनुमान जी में कितनी पावर है?
उनमें सौ हाथियों के बराबर बल था। और भीम का अभिमान तोड़ने के लिए श्री कृष्ण ने हनुमानजी को भेजा था।
50. हनुमान जी का प्रिय फल कौन सा है?
लाल फल जैसे सेब, अनार आदि का दान भी आप हनुमान जयंती पर कर सकती हैं। आपको बता दें कि हनुमान जी को फल अति प्रिय है और खासतौर पर लाल रंग का फल उन्हें कुछ ज्यादा ही पसंद है।
51. शिवलिंग का जल पीने से क्या होता है?
शिव पुराण के 22 अध्याय के 18 श्लोक के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीना शुभ होता है. शिवलिंग का जल पीने से आपको सभी रोगों से मुक्ति मिलती है. मानसिक रूप से सुकून भी मिलता है और तनाव भी दूर होता है. शरीर की नकारात्मक ऊर्जा भी खत्म होती है.
52. कैसे पता चलेगा कि मंत्र सिद्ध हो गया है?
जब साधक सदैव अपने इष्ट -देव की उपस्थिति अनुभव करे और उनके दिव्य-गुणों से अपने को भरा समझे तो मंत्र-सिद्ध हुआ जाने। शुद्धता, पवित्रता और चेतना का उर्ध्गमन का अनुभव करे, तो मंत्र-सिद्ध हुआ जानें मंत्र सिद्धि के पश्चात साधक की शुभ और सात्विक इच्छाए पूरी होने लगती हैं
53. कलयुग में श्रेष्ठ मंत्र कौन सा है?
हरेराम हरेराम राम राम हरे हरे , हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।। यही ३२ अक्षर का महामंत्र है। इसे हर श्वास के साथ बोलें। वैसे किसी भी काल और युग में एक ही मंत्र सर्वश्रेष्ठ होता है और वह है आत्मसाक्षात्कारी गुरु द्वारा दिया गया गुरु-मंत्र।
54. भोलेनाथ को जल्दी प्रसन्न कैसे करें?
भगवान शिव का चंदन प्रिय होता है। स्नान के बाद उन्हें चंदन लगाएं और अक्षत, बिल्व पत्र, धतूरा, दूध और गंगाजल अर्पित करें। इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होंते हैं।
55. भगवान से प्रार्थना में क्या मांगे?
भगवान से दुसरे के लिए बददुआ नही मांगनी चाहिए। निस्वार्थ भाव से उनसे प्रार्थना करो जिस चीज की आपको जरूरत होगी वो आपको अपने आप जरूर मिल जायेगी। प्रार्थना में यदि अपने लिए कुछ मांगना है , तो स्वयं परमात्मा को मांगिए। लेकिन दूसरों के लिए भी सुख-शांति की कामना कीजिए।
56. भगवान होते हैं तो हमें दिखाई क्यों नहीं देते?
क्योंकि ईश्वर सभी प्राणियों के प्राण है। जब हमें अपने प्राण ही दिखाई नहीं देते है तो फिर जो प्राणों का भी प्राण है वह कैसे दिखाई देगा।
57. कलयुग में जागृत देवी और देवता कौन से हैं ?
कलयुग में काली शक्ति (black magic) कार्य शैली ही कार्य करती हैं। अत: वर्तमान में महाकाली माता , भैरव जी महाराज, हनुमान जी ये सभी कलयुग में पहरी बनकर भक्तों की रक्षा करते हैं. अन्य देवता इनकी सहायता करते है. कलयुग में माता के रूप में देवी महाकाली को जाना जाता है। देवी महाकाली हिंदू धर्म में एक महाशक्ति का प्रतीक हैं जो बड़ी से बड़ी नकारात्मक शक्ति को नष्ट करने की क्षमता रखती है.
अन्य महत्वपूर्ण उपाय
1. घर में पूजा करते समय कपूर जरूर जलाएं. यह नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करके सकारात्मकता लाता है.
2. इसके अलावा शाम के समय पूजा में सरसों के तेल का दीपक लगाएं और उसमें लौंग भी डाल दें. ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है.
3. जब भी रोटी सेंकें तो पहले तवे पर दूध के छींटें मारें और पहली रोटी गाय को दें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में बरकत आती है.
4. हर रोज पक्षियों को दाना डालें. ऐसा करने से करियर और तरक्की के बीच आ रहीं सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
5. इन सब से अलग सप्ताह में एक बार घर में गूगल का धुआं करना बहुत शुभ माना गया है. इससे मन प्रसन्न होता है और घर में सकारात्मकता आती है और नेगेटिव शक्तियां घर छोड़ कर भाग जाती हैं।
6. हर गुरुवार को तुलसी के पौधे को दूध चढ़ाएं. इससे आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधार होता है.
7. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार का दिन बेहद खास माना गया है. ऐसे में शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करके उन्हें दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर खूब धन देती हैं.
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