आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत के लिए समय निकालने में असमर्थ रहते हैं। लेकिन अगर आपको बताया जाए कि रोज सिर्फ 10 मिनट की ब्रिस्क वॉक से आपकी उम्र बढ़ सकती है, तो क्या आप इसे अपनाना चाहेंगे? मेडिकल जर्नल JAMA इंटरनेशनल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, रोजाना 10 मिनट की ब्रिस्क वॉक (तेज गति से चलना) से प्रीमेच्योर मौत का जोखिम 7% तक कम किया जा सकता है। अगर इस अवधि को 20 मिनट किया जाए तो यह 13% तक कम हो सकता है, और 30 मिनट वॉक करने से 17% तक प्रीमेच्योर मौत का जोखिम कम हो सकता है।
क्यों जरूरी है ब्रिस्क वॉक?
हार्ट और न्यूरोलॉजी एक्सपर्ट डॉ. दीपक गुप्ता के अनुसार, अगर आपके पास व्यायाम के लिए आधे घंटे का समय नहीं है, तो भी 10-15 मिनट की तेज वॉक आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे पाचन तंत्र में सुधार, मोटापा कम करने और ब्लड सर्कुलेशन सुधारने में मदद मिलती है।
ब्रिस्क वॉक के जबरदस्त फायदे
ब्रिस्क वॉक के जबरदस्त फायदे
1. हार्ट और ब्रेन हेल्थ में सुधार
हमारा दिल और दिमाग शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं, जिनकी सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। रोजाना ब्रिस्क वॉक करने से हार्ट और ब्रेन हेल्थ में सुधार होता है।
- ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है: जब आप तेज गति से चलते हैं, तो शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संचार तेजी से होता है। इससे पूरे शरीर, खासकर दिल और दिमाग तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुँचती है, जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है।
- ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है: नियमित ब्रिस्क वॉक करने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। यह हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) को कम कर सकता है और लो ब्लड प्रेशर को सामान्य स्तर पर बनाए रख सकता है। साथ ही, यह शरीर में इंसुलिन के प्रभाव को बढ़ाकर ब्लड शुगर लेवल को भी नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है।
- हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है: जब ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है, तो इससे दिल पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। यह दिल की धड़कन को नियमित बनाए रखने में मदद करता है और हृदय रोगों के जोखिम को कम करता है। साथ ही, ब्रिस्क वॉक करने से ब्रेन तक सही मात्रा में ऑक्सीजन पहुँचती है, जिससे स्ट्रोक का खतरा भी कम हो जाता है।
2. मोटापा और डायबिटीज पर नियंत्रण
आज के समय में मोटापा और डायबिटीज दो बड़ी स्वास्थ्य समस्याएँ बन चुकी हैं। लेकिन नियमित ब्रिस्क वॉक को अपनाकर इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।
- कैलोरी बर्न करने में मदद करता है: जब आप तेज गति से चलते हैं, तो आपका मेटाबोलिज्म बढ़ता है और शरीर अधिक कैलोरी बर्न करने लगता है। एक अध्ययन के अनुसार, 30 मिनट की ब्रिस्क वॉक से लगभग 150-200 कैलोरी तक बर्न हो सकती हैं, जो वजन घटाने में मदद कर सकती है। अगर इसे रोज़ की आदत बना लिया जाए, तो मोटापा कम होने के साथ-साथ शरीर की फिटनेस भी बनी रहती है।
- ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखने में मदद करता है: जब हम शारीरिक रूप से सक्रिय होते हैं, तो हमारी मांसपेशियाँ ग्लूकोज को अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करती हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है और इंसुलिन संवेदनशीलता (insulin sensitivity) बढ़ती है। खासकर खाने के बाद 15-20 मिनट की वॉक करने से ब्लड शुगर तेजी से नियंत्रित होता है और डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है।
- टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करता है: शोध के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से ब्रिस्क वॉक करते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 30-40% तक कम हो सकता है। वॉकिंग से शरीर की इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होती है, जिससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।
- मोटापे से जुड़ी अन्य समस्याओं से बचाव करता है: अधिक वजन होने से शरीर में कई अन्य समस्याएँ भी हो सकती हैं, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों का दर्द और हृदय रोग। लेकिन ब्रिस्क वॉक करने से यह सभी समस्याएँ धीरे-धीरे नियंत्रित होने लगती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है।
3. मेंटल हेल्थ में सुधार
शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य भी बहुत जरूरी है। ब्रिस्क वॉक न सिर्फ शरीर के लिए, बल्कि दिमाग के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है।
- डिप्रेशन और स्ट्रेस कम करता है: जब आप टहलते हैं, तो शरीर में एंडोर्फिन (Endorphins) और सेरोटोनिन (Serotonin) जैसे हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं। ये हार्मोन तनाव को कम करने, मूड को अच्छा करने और डिप्रेशन से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
- दिमाग को एक्टिव और फोकस्ड रखता है: नियमित वॉकिंग से ब्रेन सेल्स में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है, जिससे मेमोरी, कंसंट्रेशन और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में सुधार होता है। खासतौर पर जो लोग दिनभर कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करते हैं, उनके लिए टहलना दिमाग को रीफ्रेश करने का एक बेहतरीन तरीका है।
- नींद की गुणवत्ता को सुधारता है: अच्छी नींद लेना सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जो लोग रोजाना ब्रिस्क वॉक करते हैं, उन्हें बेहतर और गहरी नींद मिलती है। यह उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है जो अनिद्रा (Insomnia) की समस्या से जूझ रहे हैं।
बिजी लाइफस्टाइल में वॉकिंग को कैसे शामिल करें?
आजकल की व्यस्त जीवनशैली में लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते। लेकिन कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप अपनी दिनचर्या में वॉकिंग को शामिल कर सकते हैं:
- ऑफिस में लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
- फोन पर बात करते हुए टहलें।
- गाड़ी पार्किंग से कुछ दूरी पर लगाएँ ताकि पैदल चलने का मौका मिले।
- खाने के बाद 10-15 मिनट की वॉक करें।
ब्रिस्क वॉक पर कुछ आम सवाल और उनके जवाब
1. ब्रिस्क वॉक कितनी तेज होनी चाहिए?
उत्तर:
ब्रिस्क वॉक की गति सामान्य चलने की तुलना में थोड़ी अधिक होती है। आमतौर पर इसे 5-6 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से किया जाता है। इसका मतलब है कि आपको प्रति मिनट लगभग 100 कदम चलना चाहिए। इसे ऐसे समझें कि अगर आप तेज गति से चल रहे हैं लेकिन फिर भी आसानी से बात कर सकते हैं, तो आपकी स्पीड सही है। अगर आपको सांस फूलने लगे और बातचीत करना मुश्किल हो जाए, तो इसका मतलब है कि आप बहुत तेज चल रहे हैं।
2. रोज कितनी देर ब्रिस्क वॉक करनी चाहिए?
उत्तर:
स्वस्थ जीवनशैली के लिए हफ्ते में कम से कम 120 मिनट यानी रोजाना 20 मिनट ब्रिस्क वॉक करना फायदेमंद होता है।
- अगर आप रोज 30 मिनट ब्रिस्क वॉक करते हैं, तो यह और भी अच्छा होगा।
- वजन कम करने के लिए आप इसे 30-40 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
- अगर आपके पास समय की कमी है, तो रोज 10-15 मिनट की तेज वॉक भी लाभदायक होती है।
- इसे छोटे-छोटे हिस्सों में भी किया जा सकता है, जैसे सुबह 10 मिनट और शाम को 10 मिनट।
3. सामान्य वॉक और ब्रिस्क वॉक में क्या अंतर है?
उत्तर:
- सामान्य वॉक में व्यक्ति बिना किसी खास प्रयास के आराम से धीरे-धीरे चलता है।
- ब्रिस्क वॉक में गति थोड़ी तेज होती है और शरीर अधिक सक्रिय रहता है।
- ब्रिस्क वॉक के दौरान दिल की धड़कन बढ़ती है, हल्का पसीना आता है, और यह कार्डियो एक्सरसाइज का काम करता है।
- ब्रिस्क वॉक करने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, मेटाबॉलिज्म तेज होता है, और वजन कम करने में मदद मिलती है।
4. ब्रिस्क वॉक से घुटनों में दर्द बढ़ सकता है?
उत्तर:
ब्रिस्क वॉक सामान्यतः घुटनों के लिए सुरक्षित होती है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- अगर आपकी वॉकिंग सतह समतल और नर्म है, तो घुटनों पर दबाव कम पड़ता है।
- अगर आपके घुटनों में पहले से कोई गंभीर समस्या नहीं है, तो ब्रिस्क वॉक से कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि यह घुटनों की जकड़न और दर्द को कम कर सकती है।
- यदि घुटनों में पहले से दर्द रहता है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर धीरे-धीरे वॉकिंग शुरू करें और वॉकिंग शूज का सही चुनाव करें।
- अत्यधिक तेज वॉक या ऊबड़-खाबड़ जगह पर चलने से घुटनों पर असर पड़ सकता है, इसलिए ऐसी सतह पर चलने से बचें।
5. ब्रिस्क वॉक के लिए सही समय कौन सा है?
उत्तर:
- सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि इस दौरान हवा ताजी और प्रदूषण कम होता है।
- शाम को भी ब्रिस्क वॉक फायदेमंद होती है, खासकर अगर सुबह का समय नहीं मिल पाता है।
- खाने के बाद हल्की वॉक (15-20 मिनट) करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है।
- बहुत गर्मी या ठंड के मौसम में इनडोर वॉकिंग या ट्रेडमिल का विकल्प अपनाया जा सकता है।
6. किन लोगों को ब्रिस्क वॉक से बचना चाहिए?
उत्तर:
ब्रिस्क वॉक ज्यादातर लोगों के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। ऐसे लोग जिनको ब्रिस्क वॉक से बचना चाहिए या सावधानी बरतनी चाहिए:
- गंभीर हृदय रोग वाले लोग – जिन्हें हार्ट अटैक, ब्लॉकेज, या हाई ब्लड प्रेशर की गंभीर समस्या हो।
- गंभीर घुटनों या जोड़ों की समस्या वाले लोग – गठिया, ओस्टियोआर्थराइटिस या पुराने चोट के कारण दर्द हो।
- ब्लड प्रेशर अत्यधिक अनियंत्रित रहने वाले लोग – जिन्हें हाई या लो ब्लड प्रेशर की शिकायत बनी रहती हो।
- हाल ही में सर्जरी कराने वाले लोग – जिनकी हड्डी, हार्ट, या अन्य बड़ी सर्जरी हुई हो।
- अस्थमा या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के मरीज – जिन्हें सांस लेने में परेशानी होती हो।
- अत्यधिक अनियंत्रित डायबिटीज के मरीज – जिनका शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ या घट सकता है।
- गर्भवती महिलाएं, जिन्हें कोई कॉम्प्लिकेशन हो – खासकर हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से पीड़ित लोग – जिनको चक्कर आने, संतुलन खोने या मांसपेशियों की कमजोरी की समस्या हो।
अगर आपको इनमें से कोई समस्या नहीं है, तो आप आराम से ब्रिस्क वॉक को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं और सेहतमंद जीवन जी सकते हैं। 😊🚶♂️🚶♀️
हेल्थ एक्सपर्ट्स की सलाह: छोटे टारगेट सेट करें
डॉ. दीपक गुप्ता के अनुसार, लोग अक्सर बहुत बड़े फिटनेस टारगेट सेट कर लेते हैं, जिससे वे इसे लंबे समय तक जारी नहीं रख पाते। बेहतर होगा कि छोटे लक्ष्य निर्धारित करें और धीरे-धीरे वॉकिंग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।
निष्कर्ष
अगर आप फिट और स्वस्थ रहना चाहते हैं तो अपनी दिनचर्या में रोज 10-30 मिनट की ब्रिस्क वॉक को शामिल करें। यह एक सस्ती, आसान और असरदार एक्सरसाइज है, जिससे हार्ट हेल्थ से लेकर मेंटल हेल्थ तक कई फायदे मिलते हैं।
तो देर किस बात की? आज ही अपनी सेहत का ख्याल रखें और रोज टहलने की आदत डालें!