पहला बुनियादी सवाल : आजकल समय की इतनी कमी क्यों महसूस होती है?
कया आपने कभी सोचा है कि आजकल हमें समय की इतनी कमी क्यों महसूस होती है? समय की कमी के चलते हम लगभग हर पल जल्दबाज़ी और हड़बड़ी में रहते हैं। हमारा मानसिक संतुलन गड़बड़ा जाता है और कई बार तो दुर्घटनाएँ भी हो जाती हैं।
औद्योगिक युग की सबसे प्रमुख मशीन भाप का इंजन नहीं, बल्कि घड़ी है। —लुइस ममफ़ोर्ड
दूसरा बुनियादी सवाल : आपके पास दरअसल कितना समय है?
आप यह कैसे कह सकते हैं कि आपके पास पर्याप्त समय नहीं है? आपके पास एक दिन में उतने ही घंटे हैं, जितने हेलन केलर, लुई पाश्चर, माइकल एन्जेलो, मदर टेरेसा, लियोनार्डों द विंची, थॉमस जेफ़रसन और अल्बर्ट आइंस्टाइन के पास थे। विधाता ने किसी को सुंदरता ज़्यादा दी है, किसी को कम दी है। किसी को बुद्धि ज़्यादा दी है, किसी को कम दी है। किसी को दौलत ज़्यादा दी है, किसी को कम दी है। लेकिन समय उसने सबको बराबर दिया है :
खोई दौलत मेहनत से दोब सिल की जा सकती है, खोया ज्ञान अध्ययन से, खोया स्वास्थ्य चिकित्सा या संयम से; लेकिन खोया समय हमेशा-हमेशा के लिए चला जाता है। —सेम्युअल स्माइल्स
तीसरा बुनियादी सवाल : आपका समय कितना कीमती है?
“समय ही धन है।’ परंतु यह कहावत पूरी तरह सच नहीं है। सच तो यह है कि समय सिर्फ़ संभावित धन है। अगर आप अपने समय का सदुपयोग करते हैं, तभी आप धन कमा सकते हैं। दूसरी ओर, अगर आप अपने समय का दुरुपयोग करते हैं, तो आप धन कमाने की संभावना की गँवा देते हैं।
समय आपके जीवन का सिक्का है। यह आपके पास सिक्का है और सिर्फ़ आप ही यह तय कर सकते हैं कि इसे कैसे ख़र्च किया जाए। सतर्क रहें, वरना आपके बजाय दूसरे लोग इसे ख़र्च कर देंगे। –कार्ल सैंडबर्ग
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का पहला सिद्धांत – समय की लॉग बुक रखें
जिस तरह आप पैसों का बजट बनाते हैं, उसी तरह समय का भी बजट बनाएँ। बजट बनाने के लिए आपको यह हिसाब लगाना होता है कि आपका पैसा कहाँ ख़र्च हो रहा है। समय के मामले में भी यही नीति अपनाएँ।
आपके विश्लेषण का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कौन सी गतिविधियाँ निरर्थक हैं या किन गतिविधियों में आप ज़रूरत से ज़्यादा समय दे रहे हैं, जिन्हें छोड़कर या जिनमें कटौती करके आप अपना समय ख़ाली कर सकते हैं।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का दूसरा सिद्धांत – सबसे महत्वपूर्ण काम सबसे पहले करें
मूर्ख व्यक्ति जो काम अंत में करता है, बुद्धिमान व्यक्ति उस काम को तत्काल कर देता है। दोनों एक ही काम करते हैं; फ़र्क़ सिर्फ़ समय का होता है। –बाल्तेसर ग्रेशियन
हमारे महत्त्वपूर्ण काम सिर्फ़ इसलिए नहीं हो पाते, क्योंकि हम महत्वहीन कामों में उलझे रहते हैं। महत्वाकांक्षी व्यक्ति को इस बारे में सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि सफलता पाने के लिए यह आवश्यक है कि महत्वपूर्ण काम पहले किए जाएँ। हमेशा याद रखें कि सफलता महत्वहीन नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण कामों से मिलती है, इसलिए अपनी प्राथमिकताएँ स्पष्ट रखें और अपना समय महत्वहवीन कामों में न गँवाएँ।महत्व के क्रम में अपनी प्राथमिकताओं की कार्यसूची बनाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। हमें रॉबर्ट जे. मैकैन की यह बात हमेशा याद रखना चाहिए, “अधिकांश बड़े लक्ष्य हासिल नया का कारण यह है कि हम छोटी चीज़ों को पहले करने में अपना समय बर्बाद कर चुके होते हैं.
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तीसरा सिद्धांत – यात्रा के समय का अधिकतम उपयोग करें
महात्मा गाँधी यात्रा करते समय नींद लेते थे, ताकि वे तरोताज़ा हो सकें। नेपोलियन जब सेना के साथ युद्ध करने जाते थे, तो रास्ते में पत्र लिखकर अपने समय का सदुपयोग करते थे। एडिसन अपने समय की बर्बादी को लेकर इतने सचेत थे कि किशोरावस्था में जब वे रेल में यात्रा करते थे, तो अपने प्रयोगों में जुटे रहते थे। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स यात्रा के दौरान मोबाइल पर ज़रूरी बातें करके इस सिद्धांत पर अमल करते हैं। बिल गेट्स ने तो एक बार अपने गैरेज में अफ्रीका का नक़्शा टाँग दिया था, ताकि जब वे अपनी कार का इग्रिशन बंद करें, तो उनके क्रीमती सेकंड बर्बाद न हों, बल्कि उनका ज्ण उपयोग हो जाए। समय को लेकर सभी सफल लोग सतर्क रहते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि समय हर सफल व्यक्ति अपने 24 घंटों में ज़्यादा से ज़्यादा उपयोगी काम करना चाहता है।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का चौथा सिद्धांत – काम सौंपना (डेलीगेशन) सीखें
टाइम मैनेजमेंट दरअसल बहुत से छोटे बिज़नेस मालिकों के लिए समस्या होती है और इसका कारण यह है कि उन्हें बहुत सारा काम ख़ुद करना पड़ता है — छोटे कामों से लेकर बड़े कामों तक सब कुछ। –नॉर्मन स्कैरबरो
हर व्यक्ति यह चाहता है कि अपने महत्वपूर्ण काम वह ख़ुद करे, लेकिन एक निश्चित ऊँचाई पर पहुँचने के बाद प्रगति करने के लिए दूसरों को काम सौंपना अनिवार्य हो जाता है। बिज़नेस की शुरुआत में तो व्यक्ति सारे काम ख़ुद कर सकता है, परंतु बिज़नेस बढ़ने के बाद काम इतने बढ़ जाते हैं कि सहयोगियों के बिना तरक़्क़ी नहीं हो सकती। ऐसे में अगर वह सही सहयोगी खोजकर उन्हें काम सौंपना (डेलीगेशन) सीख ले, तो वह आगे भी प्रगति
कर सकता है। अगर वह यह नहीं सीख पाता, तो भविष्य में उसकी प्रगति की संभावना धूमिल हो जाती है।
अमीर लोग समय में निवेश करते हैं, गरीब लोग धन में निवेश करते हैं। . –वॉरेन बफ़ेट
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का पांचवा सिद्धांत – पार्किन्सन के नियम का लाभ लें
काम की प्रकृति से भी समय के फैलने या सिकुड़ने का संबंध होता है। जब किसी काम में हमारी रुचि होती है, तो वह काम जल्दी हो जाता है। दूसरी ओर, जब किसी काम में हमारी रुचि नहीं होती, तो वह देर से होता है। इसीलिए यह कहा जाता है कि वह व्यक्ति सौभाग्यशाली है, जो अपने काम से प्रेम करता है, क्योंकि वह कम समय में ज़्यादा काम कर सकता है ज़्यादा अच्छी तरह से काम कर सकता है और इस वजह से ज़्यादा सफल भी हो सकता है।
हर दिन इस तरह जिएँ, जैसे यह आपका आख़िरी दिन हो। –मार्कस ऑरेलियस
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का छठा सिद्धांत – अपने प्राइम टाइम में काम करें
यदि आप सुबह के समय ज़्यादा फुर्तीले, ऊर्जावान और चुस्त होते हैं, यानी सुबह का वक़्त आपका प्राइम टाइम है, दोपहर की झपकी के बाद आप लगभग उतने ही फुर्तीलि, ऊर्जावान और चुस्त हो सकते हैं, जितने कि सुबह थे। अक्सर इस बात को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है कि समय की मात्रा और गुणवत्ता में कोई सीधा संबंध नहीं होता। याद रखें, समय की मात्रा के बजाय उसकी सघनता और गुणवत्ता ज़्यादा महत्वपूर्ण हैं। काम के लंबे घंटे महत्वपूर्ण नहीं हैं; महत्वपूर्ण बात यह है कि वे ठोस और सघन हों। इसी को अंग्रेज़ी में Quality Time कहा जाता है।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का सातवां सिद्धांत – स्वयं को व्यवस्थित करें
अव्यवस्था का सबसे आम उदाहरण है किसी काग़ज़ या फ़ाइल का न मिलना। अनुमान है कि ऑफ़िस में काम करने वाले लोग किसी काग़ज़ या फ़ाइल को खोजने में हर दिन लगभग 30 मिनट बर्बाद करते हैं। आलस या जल्दबाज़ी के कारण हम किसी चीज़ को सही जगह पर नहीं रखते और फिर उसे खोजने में ऑफ़िस या घर को अस्त-व्यस्त कर देते हैं.
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का आठवां सिद्धांत – टाइमटेबल बनाएँ
मान लें, आप हर दिन 8 घंटे काम करना चाहते हैं। इसमें सिर्फ़ आपके काम के समय की योजना होती है। यदि किसी दिन या किसी ससाह आपके पास ज़रूरत से ज़्यादा काम होता दो उसे पूरा करने के लिए आप अपने टाइमटेबल में एक-दो घंटे का समय बढ़ा लेते स्थिति में आप ख़ुद से कहते हैं, “मैं सुबह 9 बजे से दोपहर । बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम को 7 या 8 बजे तक काम करूँगा।*
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का नवां सिद्धांत – कर्म में जुट जाएँ।
इस संदर्भ में तुलसीदास जी के इस दोहे को याद रखें, “सकल पदारथ हैं जग माहीं। करमहीन नर पावत नाहीं।’ यानी इस संसार में सारी चीज़ें हासिल की जा सकती हैं, लेकिन वे कर्मह्दीन व्यक्ति को नहीं मिलती हैं।
समय की रेत पर कदमों के निशान बैठकर नहीं बनाए जा सकते। –कहावत
हम सब जानते हैं कि बिना मेहनत किए हम सफल नहीं हो सकते, परंतु आश्चर्यजनक बात यह है कि इसके बावजूद हम मेहनत से जी चुराते हैं, काम को टालते रहते हैं होने का बहाना बनाते हैं
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का दसवां सिद्धांत – अपनी कार्यक्षमता बढ़ाएँ
जीवन दस गियर वाली मोटरसाइकल की तरह है। हममें से ज़्यादातर लोगों के पास ऐसे गियर्स होते हैं, जिनका हम कभी इस्तेमाल ही नहीं पाते –चार्ल्स शुल्ज़
कार्यक्षमता बढ़ाने की पहली शर्त है इच्छा। आपके भीतर इसकी इच्छा होनी चाहिए। ज़्यादातर लोगों को इस काम में बड़ी दिक़्क़त आती है। उनका अहं यह मानने को तैयार ही नहीं होता कि कोई दूसरा उनसे ज़्यादा सक्षम है. आप अपनी कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए इंटरनेट के वृह्वद ज्ञान-भंडार का दोहन कर सकते हैं।
कुशलता किसी बक्से में चीज़ों को पैक करने की तरह है। अच्छी तरह पैक करने वाला बुरी तरह पैक करने वाले की तुलना में दुगुनी चीज़ें पैक कर सकता है। –रिचर्ड सेसिल
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का ग्यारहवाँ सिद्धांत – डेडलाइन तय करें
डेडलाइन किसी ज़माने में किसी जेल के चारों ओर खिंची उस लाइन को कहा जाता था, जिसके पास आने पर क्रैदियों को गोली मार दी जाती थी। आजकल डेडलाइन पार करने पर आपकी जान तो नहीं जाती, अलबत्ता आपकी प्रतिष्ठा और करियर में तरक़्क़ी के अवसर ज़रूर चले जाते हैं। इसलिए डेडलाइन को गंभीरता से लें! अगर किसी दूसरे की डेडलाइन नहीं है, तो बेहतर यही रहता है कि आप ख़ुद ही अपने कार्यों की डेडलाइन तय करें। आख़िर डेडलाइन में ऐसा क्या होता है, जिससे आपकी क्षमता बढ़ जाती है और आप ज़्यादा तेज़ी से काम पूरा कर लेते हैं?
समय भी धन जैसा होता है; यह हमारे पास जितना कम होता है, हम इसका इस्तेमाल उतनी ही ज़्यादा किफ़ायत से करते हैं। –जॉँश बिलिंग्स
समय के उपयौग को बारहवां सिद्धांत – समय ख़रीदना सीखें
एक चीनी सूक्ति है – “एक इंच सोने से एक इंच समय को नहीं ख़रीदा जा सकता.” लेकिन वास्तविकता यह है कि मानें, आप समय ख़रीद सकते हैं। कंपनियों के मालिक यही तो करते हैं। ज़रा सोचें, कंपनी का कोई मालिक प्रॉडक्ट का उत्पादन नहीं करता, उसका वितरण नहीं करता, उसका प्रबंधन नहीं करता, उसे नहीं बेचता, लेकिन मुनाफ़ा उसी को होता है। कंपनी का मालिक कर्मचारियों को तनख़्वाह देकर उनसे अपना मनचाहा काम करवाता है। दूसरे शब्दों में, कंपनी का मालिक दूसरों का समय ख़रीद लेता है। यह सिद्धांत बहुत ही महत्वपूर्ण है और सारी बड़ी कंपनियाँ इसका फ़ायदा उठाती हैं। आधुनिक युग की नीति इसी सिद्धांत पर आधारित है। अमेरिकी कंपनियाँ पैसे देकर अपना काम भारतीय कंपनियों से सस्ते में करवाती हैं और अपना कीमती समय बचाती हैं।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तेरहवां सिद्धांत – भावी लाभ के लिए वर्तमान में त्याग करें
एक कर्मचारी ऑफ़िस के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम करने के बजाय गपशप करता है, दूसरा कर्मचारी करियर में तरक़्क़ी को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को फटाफट पूरा कर देता है। एक सेल्समैन सुबह उठकर टी.वी. देखने लगता है, दूसरा सेल्समैन सुबह उठकर संभावित ग्राहकों से फ़ोन पर अपॉइंटमेंट्स लेता है। अब आप ही बताएँ कि इन उदाहरणों में ज़्यादा अच्छा भविष्य किसका होगा : पहले व्यक्ति का या दूसरे व्यक्ति का? निर्विवाद रूप से, दूसरे व्यक्ति का भविष्य ज़्यादा अच्छा होगा।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का चौदहवां सिद्धांत – निश्चित समय पर काम करें
महान संगीतज्ञ प्रेरित होने के कारण काम करने नहीं बैठता। वह तो काम करते समय ही प्रेरित होता है। बीथोवन, वैगनर, बाख़ और मोज़ार्ट हर दिन उतनी ही नियमितता से काम करने बैठते थे, जितनी नियमितता से कोई अकाउंटेंट हर दिन हिसाब– किताब मिलाने के लिए बैठता है। प्रेरणा का इंतज़ार करने में उन्होंने अपना समय बर्बाद नहीं किया। यदि आप निश्चित समय पर निश्चित काम करने की आदत डाल लेते हैं, तो उस समय आपका शरीर और मन दोनों ही उस काम को करने के लिए पूरी तरह तैयार होते हैं। अगर आप सुबह ठीक छह बजे घूमने जाते हैं, तो शरीर इसके लिए पूरी तरह तैयार होता है और आपको इसमें आलस कम आता है। दूसरी ओर, अगर घूमने का कोई निश्चित समय नहीं है तो आप आसानी से आलस के शिकार हो जाते हैं। ख़ास तौर पर अप्रिय कामों के लिए यह आदत बड़ी कारगर होती है। अगर आपको पढ़ाई करना है, तो उसका निश्चित समय तय कर लें।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का पन्द्रहवां सिद्धांत – समय की बर्बादी के गुरुत्वाकर्षण नियम को जानें
यदि आप हवा में छलाँग लगाएँ, तो क्या होगा? पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण आप नीचे आ जाएँगे। यही समय के मामले में भी होता है। जैसे ही आप कोई महत्वपूर्ण काम शुरू करते हैं, वैसे ही बाधाओं की गुरुत्वाकर्षण शक्ति सक्रिय हो जाती है और आपको नीचे धकेलने लगती है। दूसरे लोग आकर आपके काम में विघ्न डालते हैं। वे आपसे कोई दूसरा काम करने को कहेंगे, कोई आपसे मिलने आ जाएगा, किसी का फ़ोन आ जाएगा, बॉस आपको कोई अत्यावश्यक काम थमा देगा, । यह और कुछ नहीं गुरुत्वाकर्षण का नियम है। जैसे ही आप कोई महत्वपूर्ण काम शुरू करते हैं, रुकावटें सामने आने लगती हैं, अन्य तात्कालिक कार्य हावी होने लगते हैं और परिस्थितियाँ विकट हो जाती हैं। यह और कुछ नहीं, बाधाओं का गुरुत्वाकर्षण है, जो आपको नीचे खींच रहा है। आपको इस गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रति सजग रहना चाहिए। याद रखें दुनिया में दूसरों की तरक़्क़नी देखकर जलने की परंपरा है। इससे बचने का उपाय बहुत ही सरल है : अपना मुँह बंद रखें। किसी को भी यह न बताएँ कि आप कोई महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं, आपने एक नई आदत डाली है या आप कितने ऊपर पहुँचना चाहते हैं। अगर आप डींगें हाँकने या अपनी योजना बताने के प्रलोभन से बच जाएँ, तो आपका इरादा किसी को पता नहीं चल पाएगा और आप बहुत सी अनावश्यक अड़चनों से बच जाएँगे। किसी को यह पता न चलने दें कि आप ऊपर उठने की कोशिश कर रहे हैं, वरना आपको नीचे खींचने में वे अपनी पूरी शक्ति लगा देंगे।
क़ानून उस डाकू को कभी नहीं पकड़ता है, जो इंसान की सबसे बेशक्रीमती चीज़ “समय” को चुराता है। –नेपोलियन
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का सोलहवां सिद्धांत – न्यूटन के गति के पहले नियम का लाभ लें
यह बहुत ही अद्भुत नियम है। यह वस्तुओं पर ही नहीं, व्यक्तियों पर भी लागू! होता है। आप जिस अवस्था में हैं, उसी में रहेंगे, जब तक कि बाहरी बल का प्रयोग न हो। यह बाहरी बल कहाँ से आता है : या तो दूसरों के दबाव से या फिर आपके अनुशासन से, आपकी स्व-प्रेरणा से। यहीं पर समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का दूसरा सिद्धांत काम आता है : आर्थिक लक्ष्य बनाएँ। यही आर्थिक लक्ष्य आपको निरंतर प्रेरित करता है, ताकि आप बाहरी बल यानी अनुशासन का प्रयोग करके अपनी अवस्था को बदल लें। आपकी आर्थिक स्थिति चाहे जैसी हो, आप अनुशासन का प्रयोग करके उसे हमेशा बेहतर बना सकते हैं। जिम रॉन की बात हमेशा याद रखें, “अनुशासन ही लक्ष्य और सफलता के बीच का पुल है।”
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का सत्रहवां सिद्धांत – महत्वपूर्ण तो परिणाम हैं
यह महत्वपूर्ण नहीं है कि आपने कितने समय काम किया; महत्वपूर्ण तो परिणाम हैं
गति और प्रगति में गफ़लत न करें। बच्चों का आगे–पीछे हिलने वाला घोड़ा गति तो करता है, लेकिन प्रगति नहीं करता। — अल्फ्रेड ए. मोन्टापर्ट
कर्मचारी के लिए महत्वपूर्ण पैमाना यह है कि उसने कितने समय काम किया, जबकि कंपनी के मालिक के लिए महत्वपूर्ण र्ण पैमाना यह है कि उसने कितना मूल्यवान परिणाम दिया। मानसिकता के इस अंतर को कभी न क्योंकि आपका क्षेत्र चाहे जो हो, सबसे सफल लोगों का ध्यान हमेशा परिणाम पर होता है। यदि आप पाँच मिनट में ही उन्हें अपेक्षित परिणाम दे देंगे, तो वे आपको पुरस्कार देंगे। लेकिन दूसरी ओर, यदि आप पाँच दिन की मेहनत के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं दे पाए, तो वे निराश हो जाएँगे। वास्तविक संसार में महत्वपूर्ण यह नहीं होता कि आपने कितने समय काम किया। महत्वपूर्ण तो यह होता है कि उसका परिणाम क्या निकला।
मिसाल के तौर पर, दो सेनाएँ लड़ रही हैं और उनमें से एक हार जाती है। देखने वाली बात यह है कि दोनों ही सेनाएँ समान समय तक लड़ीं, दोनों ने ही जान की बाज़ी लगाई, लेकिन परिणाम दोनों के लिए अलग-अलग रहे। एक का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया, जबकि दूसरी को पराजय का कलंक झेलना पड़ा।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का अठारवां सिद्धांत – तय करें कि कौन सा काम कब करना है
जिस तरह सभी जूते एक नाप के नहीं होते, उसी तरह सभी काम भी एक समान नहीं होते। कुछ काम आसानी से कभी भी पूरा किया जा सकता है। और कुछ काम ऐसे होते हैं, जिन्हें आप नहीं, कोई भी कर सकता है। यहीं टाइम मैनेजमेंट काम आता है। आप महत्वहीन काम दूसरों से करवा सकते हैं और समय ख़रीद सकते हैं।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का उनीसवां सिद्धांत – सुबह जल्दी उठें
सुबह का पहला घंटा पूरे दिन की दिशा तय करता है। –हेनरी वार्ड बीचर
जो जल्दी सोता है, जल्दी उठता है, उसके पास स्वास्थ्य, पैसा और बुद्धि रहती है।’ इस कहावत को आज के युग में जितना नज़रअंदाज़ किया गया है, उतना किसी दूसरी कहावत को नहीं किया गया।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का बीसवां सिद्धांत – एक घंटा व्यायाम करें
अपने स्वास्थ्य और सौंदर्य की देखभाल करने के लिए एक घंटे का समय ज़्यादा नहीं है। आख़िर शरीर की बदौलत ही तो आप अपने सारे काम कर रहे हैं। अगर यही स्वस्थ न रहे, तो आप इस सुंदर संसार का आनंद कैसे ले पाएँगे? यही तो वह मुर्गी है, जो रोज़ आपको सोने के अंडे देती है और आप हैं कि इसी का पेट चीरने पर आमादा हैं। आप सुबह से शाम तक स्वादिष्ट (और अस्वास्थ्यकर) चीज़ें खाते रहते हैं, जिनकी शरीर को ज़रूरत नहीं होती
और जिस व्यायाम की इसे ज़रूरत होती है, उसे आप कभी नहीं करते हैं। अब आप ही बताएँ कि यह शरीर के साथ अन्याय नहीं, तो और क्या है?
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का इक्कीसवां सिद्धांत – टी.वी. के संदर्भ में सावधान रहें
ज़रा ग़ौर से सोचें, अगर आपने टी.वी. नहीं देखा, तो क्या आफ़त आ जाएगी? अक्सर होता यह है कि हम यह सोचकर टी.वी. देखने बैठते हैं कि बस आधा घंटे देखूँगा। आधा घंटे बाद दूसरे चैनल पर कोई अच्छा कार्यक्रम दिख जाता है और इस तरह कब दो घंटे हो जाते हैं, पता ही नहीं चलता। इस चक्कर में आपके बहुत से ज़रूरी काम अधूरे रह जाते हैं
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का बाइसवां सिद्धांत – इंटरनेट पर समय बर्बाद न करें
यदि आप समय बचाने का इरादा रखते हैं, तो इंटरनेट के ख़तरे से सावधान रहें। इसमें सरफ़िंग सबसे प्रमुख जोखिम है। होता यह है कि आप इंटरनेट पर किसी काम से जाते हैं, तभी आपको कोई आकर्षक साइट दिख जाती है, कोई विज्ञापन दिख जाता है और आप उस पर क्लिक करके दूसरी ही दुनिया में सच हूँच जाते हैं। समय की बर्बादी का एक और कारण यह है कि जब आप कोई जानकारी सर्च इंजन में खोजते हैं, तो आप सही तरीके से शब्दों का चयन नहीं करते हैं। नतीजा यह होता है कि लाखों परिणाम आपकी स्क्रीन पर आ जाते हैं और सही जानकारी पाने में आपको बहुत समय लग जाता है। यदि आपको जानकारी खोजने का सही तरीक़ा मालूम हो और आप सर्च इंजन में सही कीवर्ड्स डालें, तो आपकी मनचाही जानकारी पलक झपकते ही मिल सकती है।
समय के सर्वश्रेष्ठ उपयोग का तेइसवां सिद्धांत – आलस से बचें
आलस वह मृत सागर है, जो सभी सद्गुणों को लील लेता है। — बेंजामिन फ्रैंकलिन
समय बचाने के लिए आपको आलस से बचना चाहिए। जब भी सामने कोई मुश्किल काम आता है, तो हम आलस करने लगते हैं और उसे टाल देते हैं। हमें आलस करने से बचना चाहिए.