Two wheeler servicing: कितने किलोमीटर के बाद करानी चाहिए बाइक और स्कूटी की सर्विसिंग?

अगर आपने हाल ही में नई बाइक या स्कूटी खरीदी है, तो उसकी सर्विसिंग का सही समय पर किया जाना बेहद जरूरी है। Two wheeler servicing  न केवल वाहन की लाइफ को बढ़ाता है, बल्कि माइलेज और परफॉर्मेंस को भी बेहतर बनाए रखता है। इस लेख में हम बाइक और स्कूटी की सर्विसिंग के समय और फायदे के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Two wheeler servicing: कितने किलोमीटर के बाद करानी चाहिए बाइक और स्कूटी की सर्विसिंग?

पहली सर्विसिंग (500-750 किमी या 1 महीना)

नई बाइक या स्कूटी की पहली सर्विसिंग सबसे महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह इंजन के शुरुआती रनिंग-इन पीरियड का हिस्सा होती है। आमतौर पर इसे 500 से 750 किलोमीटर चलाने के बाद या एक महीने के भीतर कराना चाहिए। इस सर्विसिंग में मुख्य रूप से निम्न कार्य किए जाते हैं:

  • इंजन ऑयल बदलना: नई बाइक में इंजन के कल-पुर्जे नए होते हैं और शुरुआती दिनों में घर्षण के कारण धातु के कण इंजन ऑयल में घुल सकते हैं। इसलिए, इसे बदलना जरूरी होता है।
  • नट-बोल्ट टाइट करना: नई बाइक में कई नट और बोल्ट थोड़े ढीले हो सकते हैं, जिससे वाइब्रेशन बढ़ सकता है।
  • ब्रेक और क्लच चेक करना: ब्रेक और क्लच की सही स्थिति की जांच की जाती है।
  • चेन टेंशन और लूब्रिकेशन: चेन की टेंशन सही रखना और उसे लुब्रिकेट करना बेहद जरूरी है।

दूसरी सर्विसिंग (2500-3000 किमी या 3-4 महीने)

पहली सर्विसिंग के बाद दूसरी सर्विसिंग 2500 से 3000 किलोमीटर या 3 से 4 महीने के भीतर करानी चाहिए। इस दौरान निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं:

  • इंजन ऑयल बदलना: इंजन की कार्यक्षमता बनाए रखने के लिए इसे दोबारा बदला जाता है।
  • ब्रेक्स और चेन की जांच: ब्रेक्स की ग्रिप और चेन की कंडीशन का निरीक्षण किया जाता है।
  • कूलेंट और बैटरी चेक: कूलिंग सिस्टम और बैटरी के कनेक्शन व चार्जिंग की स्थिति देखी जाती है।
  • सस्पेंशन और टायर प्रेशर: सस्पेंशन सेटअप और टायर प्रेशर को सही किया जाता है।

तीसरी सर्विसिंग (5500-6000 किमी या 6 महीने)

तीसरी सर्विसिंग 5500 से 6000 किलोमीटर या 6 महीने के भीतर करानी चाहिए। यह सर्विसिंग वाहन की परफॉर्मेंस को बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है और इसमें निम्नलिखित कार्य शामिल होते हैं:

  • डीप क्लीनिंग: बाइक या स्कूटी की संपूर्ण सफाई की जाती है।
  • एयर फिल्टर की सफाई/बदलाव: इंजन में सही मात्रा में हवा पहुंचे, इसके लिए एयर फिल्टर को चेक किया जाता है।
  • ब्रेक शू और पैड की जांच: ब्रेक्स को खोलकर साफ किया जाता है और जरूरत पड़ने पर नए ब्रेक शू लगाए जाते हैं।
  • स्पार्क प्लग की जांच: इंजन की अच्छी स्टार्टिंग और परफॉर्मेंस के लिए स्पार्क प्लग को साफ या बदला जाता है।

आगे की सर्विसिंग (हर 3000-4000 किमी या 6 महीने बाद)

तीसरी सर्विसिंग के बाद, बाइक या स्कूटी की हर 3000 से 4000 किलोमीटर पर या 6 महीने के भीतर सर्विसिंग करानी चाहिए। इसमें मुख्य रूप से निम्न कार्य किए जाते हैं:

  • इंजन ऑयल और फिल्टर बदलना।
  • चेन और स्प्रोकेट की स्थिति देखना।
  • ब्रेक्स, क्लच वायर और एक्सेलेरेटर वायर की जांच।
  • टायर की ग्रिप और एयर प्रेशर को मेंटेन करना।
  • इलेक्ट्रिकल कनेक्शन और बैटरी चार्जिंग चेक करना।

सर्विसिंग न कराने के नुकसान

अगर आप समय पर बाइक या स्कूटी की सर्विसिंग नहीं कराते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

1. इंजन पर असर

समय पर इंजन ऑयल न बदलने से इंजन की परफॉर्मेंस घट जाती है और इंजन जल्दी खराब हो सकता है।

2. माइलेज कम होना

अगर बाइक की सही ट्यूनिंग न हो, तो माइलेज कम हो सकता है और पेट्रोल की खपत बढ़ जाती है।

3. ब्रेक्स और सेफ्टी

खराब ब्रेक्स सेफ्टी के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।

4. बाइक की उम्र कम होना

समय पर मेंटेनेंस न कराने से बाइक जल्दी खराब हो सकती है और उसकी लाइफ कम हो जाती है।

निष्कर्ष

अगर आप अपनी बाइक या स्कूटी को लंबे समय तक बेहतरीन कंडीशन में रखना चाहते हैं, तो नियमित सर्विसिंग बेहद जरूरी है। हमेशा कंपनी द्वारा दिए गए मेंटेनेंस शेड्यूल को फॉलो करें और सर्विसिंग के लिए ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर ही जाएं। इससे न केवल आपका वाहन अच्छा चलेगा बल्कि उसकी रीसेल वैल्यू भी बनी रहेगी।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *